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इजराइल-हिजबुल्लाह टकराव में अब तक 20 कमांडर ढेर, नसरल्लाह और एयर चीफ भी शामिल

इजराइल से टकराव में अबतक हिजबुल्लाह के 20 कमांडर ढेर हो चुके हैं. इनमें संगठन के हेड नसरल्लाह और एयर चीफ का नाम प्रमुख हैं. दिलचस्प बात ये है कि इजराइल डिफेंस फोर्स ने सभी लड़ाकों को एक ही पैटर्न से मारा है.

दस दिनों की जद्दोजेहद के बाद इजराइल ने हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह को मार गिराया है. इजराइल डिफेंस फोर्स के दावे के मुताबिक शुक्रवार को लेबनान के बेरूत में जो विस्फोट किया गया था. उसमें नसरल्लाह मारा गया. हालांकि, हिजबुल्लाह का दावा आईडीएफ से अलग है.

इजराइल और हिजबुल्लाह के बीच एक साल से जारी लड़ाई ने सितंबर मध्य में जोर पकड़ा था, तब से अब तक हिजबुल्लाह के 20 टॉप कमांडर मारे जा चुके हैं. इनमें नसरल्लाह के अलावा ऑपरेशन के हेड इब्राहिम अकील और कमांडर ऑफ द साउदर्न फ्रंट के अली कराकी का नाम शामिल हैं.

हिजबुल्लाह के 20 टॉप कमांडर ढेर

इजराइल डिफेंस फोर्स के मुताबिक अब तक हिजबुल्लाह की 20 टॉप कमांडर मारे जा चुके हैं. यह टॉप लीडरशिप का कुल 95 प्रतिशत है. आईडीएफ ने जिन कमांडरों को ढेर किया है. उनमें एयरफोर्स चीफ मोहम्मद हुसैन सरूर, ऑपरेशन हेड इब्राहिम अकील, कमांडर फवाद शुक्र, दक्षिणी मोर्चे का कमांडर अली कराकी, मिसाइल फोर्स का हेड इब्राहिम कुबैसी प्रमुख हैं.

इजराइल विदेश मंत्रालय ने जो सूची की है, उसके मुताबिक नसरल्लाह के मरने के बाद संगठन की 70 प्रतिशत सैन्य शक्तियां खत्म हो गई है. इन कमांडरों के अलावा नसरल्लाह की बेटी के भी मारे जाने का दावा आईडीएफ की तरफ से किया गया है.

अब डिटेल में जानिए, कौन-कौन मरा है?

 हिजबुल्लाह के सेक्रेटरी जनरल हसन नसरल्लाह को बेरूत हमले में मार गिराया गया है.

 हिजबुल्लाह के एयरफोर्स चीफ मोहम्मद हुसैन सरूर हवाई हमले में मारा गया.

 रडवान के हेड इब्राहिम अकील भी पिछले हफ्ते बेरूत में एक हमले में ढेर हो चुका है.

 अली कारकी और फउड शुकर भी इजराइल के हाथों मारा जा चुका है. दोनों वरिष्ठ कमांडर थे.

 रडवान फोर्स के अल तामिल, अल अमर, अल सत्तार, हुसैन अहमद, अबदुल्लाह अब्बास भी मारा जा चुका है.

 रडवान के ही कमांडर हुस्सैन सईद,अब्बास शमी, अली हसन, अल माजी, अहमद रिंगा भी ढेर हो चुका है.

सभी एक ही तरह के हमले में मरे

इजराइल ने हिजबुल्लाह के जिन शीर्ष लड़ाकों को मारा है, उन सबकी हत्या का पैटर्न एक ही रहा है. इजराइल पहले खुफिया एजेंसी के जरिए जानकारी जुटाया और फिर संबंधित ठिकानों पर स्ट्राइक कर दिया.

दिलचस्प बात है कि इजराइल ने हिजबुल्लाह के टॉप कमांडरों को मारने के लिए जितने भी एयर स्ट्राइक की है, वो सभी सफल रही है.

नसरल्लाह के मामले में भी कहा जा रहा है कि इजराइल को यह इनपुट मिला था कि नसरल्लाह अपने हेडक्वार्टर पहुंचा है, जिसके बाद इजराइल ने तुरंत एयर स्ट्राइक कर दिया.

इजराइल में खुफिया जानकारी जुटाने का काम मोसाद के पास है. मोसाद को दुनिया का सबसे मजबूत खुफिया एजेंसी माना जाता है.

हिजबुल्लाह और इजराइल क्यों भिड़े?

हिजबुल्लाह लेबनान का एक अर्द्धसैनिक संगठन है. इसकी स्थापना नागरिक युद्ध के दौरान हुई थी. 2006 में आखिरी बार इजराइल और हिजबुल्लाह में लड़ाई हुई थी. इसके बाद दोनों शांत थे, लेकिन पिछले एक साल से हिजबुल्लाह लगातार इजराइल पर निशाना साध रहा था.

इस साल के सितंबर में दोनों के बीच लड़ाई में तेजी आ गई. हिजबुल्लाह के कई लड़ाके पेजर अटैक में मारे जाने लगे. आरोप इजराइल पर लगा. इसके बाद हिजबुल्लाह ने इजराइल पर रॉकेट दाग दिया. इजराइल इसके बाद से ही हिजबुल्लाह को निशाने पर ले रखा है.

शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र संघ में बेंजामिन नेतन्याहू ने हिजबुल्लाह को आतंकी संगठन बताया और कहा कि उसे जब तक समाप्त नहीं कर देंगे, तब तक शांत नहीं बैठेंगे. इजराइल के मुताबिक हिजबुल्लाह के पास 150 रॉकेट है, जिससे उसे खतरा है.

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