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हरियाणा विधानसभा चुनाव में निर्दलीय विधायकों की संख्या घटी, सिर्फ दो बागी उम्मीदवारों ने दर्ज की जीत

हरियाणा की 15वीं विधानसभा के लिए हुए मतदान के बाद मंगलवार को घोषित परिणाम में यह साफ हो गया है कि पिछली बार की तरह इस बार प्रदेश की विधानसभा में निर्दलीय विधायकों की संख्या कम रहेगी। इस साल बागी होकर कई प्रत्याशियों ने निर्दलीय ताल ठोका, लेकिन इनमें से दो ही चुनाव जीते।
हरियाणा की 15वीं विधानसभा के लिए हुए मतदान के बाद मंगलवार को घोषित परिणाम में यह साफ हो गया है कि पिछली बार की तरह इस बार प्रदेश की विधानसभा में निर्दलीय विधायकों की संख्या कम रहेगी। इस साल बागी होकर कई प्रत्याशियों ने निर्दलीय ताल ठोका, लेकिन इनमें से दो ही चुनाव जीते। वर्ष 2019 के चुनाव में छह निर्दलीय विधायक चुनाव जीतकर सदन में पहुंचे थे।

निर्दलीय प्रत्याशी जीती सावित्री जिंदल
इस बार सैकड़ों की संख्या में निर्दलीयों ने चुनाव लड़ा, लेकिन प्रदेश वासियों की नजर कांग्रेस और बीजेपी से बागी होकर चुनाव लड़ने वालों पर रही। हिसार से बतौर निर्दलीय प्रत्याशी जीती सावित्री जिंदल कुरुक्षेत्र से बीजेपी सांसद नवीन जिंदल की माता हैं। सावित्री जिंदल पहले भी कांग्रेस की सरकार में मंत्री रह चुकी हैं। उनके पति ओपी जिंदल भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबी मित्र थे।

चित्रा सरवारा फिर से चुनाव हार गईं
बीजेपी सरकार में बगैर विधायक बने अंतिम समय तक मंत्री रहे रणजीत चौटाला भी अपनी छवि का करिश्मा नहीं दिखा पाए हैं। निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले रणजीत सिंह को भी जनता ने नकार दिया। कांग्रेस से बागी होकर अंबाला छावनी सीट से चुनाव लड़ने वालीं चित्रा सरवारा फिर से चुनाव हार गईं। पिछली बार भी कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने पर वह बागी होकर चुनाव लड़ी थीं। इस बार बीजेपी के अनिल विज ने उन्हें हराया।

बीजेपी के बागी देवेंद्र कादयान निर्दलीय जीते

चुनाव से पहले साइबर सिटी गुरुग्राम में कई बड़े-बड़े काम करके सुर्खियों में आने वाले नवीन गोयल बीजेपी से बागी होकर चुनाव लड़े, लेकिन हार गए। गन्नौर सीट पर बीजेपी के बागी देवेंद्र कादयान निर्दलीय चुनाव जीत गए हैं। इनके अलावा बहादुरगढ़ सीट पर कांग्रेस के बागी राजेश जून चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं।

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