बैंक ऑफ अमेरिका ने जोमैटो पर ‘बाय’ रेटिंग बरकरार रखी, टारगेट प्राइस 325 रुपये प्रति शेयर
बैंक ऑफ अमेरिका ने जोमैटो पर अपनी ‘बाय’ रेटिंग बरकरार रखी है और टारगेट प्राइस 325 रुपये प्रति शेयर रखा है। FII कैप को लागू करने की प्रक्रिया में समय लगेगा। इस तरह के कदम उठाने का मुख्य कारण 1P मॉडल में बदलना होगा, जो प्रॉफिटेबिलिटी में सुधार करता है। अगर RBI जोमैटो के आवेदन को मंजूर करता है तो यह कंपनी को एक डॉमेस्टिक कंपनी बना देगा
फूड एग्रीगेटर जोमैटो के शेयर में आगे 30 प्रतिशत की तेजी देखने को मिल सकती है। यह उम्मीद इंटरनेशनल ब्रोकरेज फर्म जेफरीज ने जताई है। ब्रोकरेज जोमैटो शेयर को लेकर बुलिश है और 335 रुपये प्रति शेयर का टारगेट प्राइस दिया है। यह शेयर के शुक्रवार, 18 अक्टूबर को बीएसई पर बंद भाव से 30 प्रतिशत ज्यादा है। जोमैटो ने हाल ही में QIP (Qualified Institutional Placement) के माध्यम से फंड जुटाने की घोषणा की है। इस प्रस्ताव पर कंपनी का बोर्ड 22 अक्टूबर को फैसला लेगा। अगर QIP मंजूर होता है तो यह जोमैटो की शेयर बाजारों में लिस्टिंग के बाद कंपनी की पहली फंडरेजिंग होगी।
जोमैटो साल 2021 में लिस्ट हुई थी। इसके अलावा यह भी खबर है कि कंपनी अपनी विदेशी फॉरेन इंस्टीट्यूशनल होल्डिंग को 49 प्रतिशत तक सीमित करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक को आवेदन करेगी। सितंबर के शेयरहोल्डिंग पैटर्न के अनुसार, इंस्टीट्यूशनल होल्डिंग्स और एफडीआई के जरिए ज़ोमैटो में विदेशी निवेशकों की हिस्सेदारी करीब 52.5 प्रतिशत है। अगर RBI जोमैटो के आवेदन को मंजूर करता है तो यह कंपनी को एक डॉमेस्टिक कंपनी बना देगा।
Zomato शेयर शुरुआती कारोबार में 4% उछला
Zomato के शेयर में 21 अक्टूबर को तेजी है। शेयर बीएसई पर सुबह मामूली बढ़त के साथ 259.95 रुपये पर खुला और फिर पिछले बंद भाव से लगभग 4 प्रतिशत के उछाल के साथ 267 रुपये के हाई तक गया। शेयर साल 2024 में अब तक निवेशकों का पैसा डबल कर चुका है। एक सप्ताह के अंदर यह 7 प्रतिशत से ज्यादा कमजोर हुआ है। बैंक ऑफ अमेरिका ने भी जोमैटो पर अपनी ‘बाय’ रेटिंग बरकरार रखी है और टारगेट प्राइस 325 रुपये प्रति शेयर रखा है।
FII कैपिंग से MSCI से बाहर हो सकता है शेयर
जेफरीज का कहना है कि FII होल्डिंग्स की कैपिंग किए जाने से जोमैटो के शेयर को MSCI से हटाया जा सकता है। हालांकि, FII कैप को लागू करने की प्रक्रिया में समय लगेगा। इस तरह के कदम उठाने का मुख्य कारण 1P मॉडल में बदलना होगा, जो प्रॉफिटेबिलिटी में सुधार करता है। ब्रोकरेज ने कहा कि विदेशी फर्म्स इनवेंट्री बेस्ड 1P मॉडल नहीं चला सकती हैं और उन्हें ऑपरेशंस मार्केटप्लेस तक ही सीमित रखने होते हैं।
वर्तमान में ब्लिंकइट के मॉडल के अनुसार, लोकल थर्ड पार्टी एंटरप्रेन्योर इनवेंट्री के मालिक हैं और इसे ब्लिंकइट प्लेटफॉर्म पर यूजर्स को बेचते हैं, जहां राइडर खरीदारों को सामान पहुंचाते हैं। अगर ज़ोमैटो अपनी FII शेयरहोल्डिंग सीमा में कटौती करती है तो ब्लिंकइट 1P मॉडल पर जा सकती है, जो उसे इनवेंट्री मॉडल का पालन करने की अनुमति देगा।
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