साउथ कोरिया में इमरजेंसी मार्शल लॉ का ऐलान वापस, राष्ट्रपति यून सुक-योल चर्चा में
साउथ कोरिया में बीते दिन राष्ट्रपति यून सुक-योल ने देश में इमरजेंसी मार्शल लॉ लगाने का ऐलान किया था, लेकिन विरोध के कारण देर रात इर को ऐलान को वापस लेना पड़ा. इसके बाद से ही पूरी दुनिया में राष्ट्रपति यून सुक-योल को लेकर चर्चा हो रही है. योल राष्ट्रपति से पहले देश के अटॉर्नी जनरल रह चुके हैं.
साउथ कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक-योल ने मंगलवार को देश में इमरजेंसी मार्शल लॉ लगाने का ऐलान किया था. इसके बाद से ही पूरे देशभर में विरोध देखने को मिला. मार्शल लॉ के विरोध में संसद में भी काफी हंगामा देखने को मिला. आम जनता मार्शल लॉ के विरोध में सड़क पर उतर आई, जिसके बाद मार्शल लॉ को लेकर संसद में वोटिंग कराई गई.
वोटिंंग के जरिए नेशनल असेंबली के 190 सदस्य ने मार्शल लॉ को हटाए जाने को लेकर वोट किया. इसके बाद, इन सब बवाल के बीच आखिरकार राष्ट्रपति को अपना फैसला वापस ही लेना पड़ा. फैसला वापस लेने के बाद से ही राष्ट्रपति यून सुक-योल चर्चा में हैं, आइये जानते हैं कब राष्ट्रपति चुने गए थे. जिन्होंने सबसे ज्यादा बार वीटो पावर का इस्तेमाल किया.
दक्षिण कोरिया में मार्शल लॉ को आखिरी बार 1980 में राजनीतिक उथल-पुथल के समय लागू किया गया था. उस समय ग्वांगजू विद्रोह हुआ था. 1948 से अब तक दक्षिण कोरिया में एक दर्जन से अधिक बार मार्शल लॉ लगाया गया है.
कौन हैं राष्ट्रपति यून सुक-योल?
राष्ट्रपति यून सुक-योल का जन्म 18 दिसंबर 1960 को हुआ था. जो 2022 से दक्षिण कोरिया के 13वें राष्ट्रपति के रूप में चुने गए. इसके पहले उन्होंने 2019-2021 तक देश के अटॉर्नी जनरल जनरल के रूप में काम किया. साउथ कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक-योल 27 सालों तक एक वकील के रूप में काम करते रहे.
योल साल 2022 के मई महीनें में 1% से कम मार्जिन से राष्ट्रपति चुने गए थे. एक रिपोर्ट के अनुसार योल की जनता के बीच लोकप्रियता काफी कम रही है. पिछले कई महीनों से योल की समर्थन रेटिंग महज 20% बनी हुई है. यही कारण है कि इसी साल अप्रैल में हुए चुनावों में उनकी पार्टी पीपुल्स पावर पार्टी (पीपीपी) को हार का सामना करना पड़ा. विपक्ष का अब लगभग दो तिहाई सीटों पर कब्जा है. जिसके बाद एक सदनीय सभा पर विपक्ष का कब्जा हो गया.
सबसे ज्यादा बार किया वीटो पावर का इस्तेमाल
चुनाव में मिली हार के बाद से ही योल दबाव में थे. डेमोक्रेटिक पार्टी लगातार उनकी पत्नी की के कथित घोटालों की जांच के लिए विधेयक पारित कर रही थी. योल ने इसको लेकर बार-बार विधेयकों पर वीटो पावर का इस्तेमाल किया. साउथ कोरिया में 1987 में सैन्य शासन के बाद राष्ट्रपति यून सुक-योल पहले ऐसे राष्ट्रपति हैं, जिन्होंने सबसे ज्यादा बार वीटों पावर का इस्तेमाल किया है.
यून लंबे समय से उत्तर कोरिया पर सख्त रुख अपनाए हुए हैं, ऐसा कहा जाता है कि योन उनके पहले के राष्ट्रपतियों से बहुत अलग हैं. पुराने राष्ट्रपति हमेशा बातचीत और शांतिूर्ण तरीके से मामले का हल निकाला करते थे. योल के इस रवैये के कारण आम जनता में उनके प्रति विरोध देखने को मिलता है.