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ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने मुस्लिम विरोधी दंगों पर सख्ती का ऐलान किया, कहा- दंगाइयों को कानून की ताकत का अहसास कराएंगे

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने देश के विभिन्न हिस्सों में हो रहे मुस्लिम विरोधी दंगों से सख्ती से निपटने का फैसला किया है। मंगलवार को एक आपातकालीन बैठक के बाद उन्होंने कहा कि दंगाइयों को कानून की ताकत का अहसास कराएंगे। उन्होंने हिंसा करने वालों को दक्षिणपंथी गुंडे कहा है।
ब्रिटेन में एक सप्ताह से जारी दंगों के बीच प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने उपद्रवियों को सबक सिखाने का फैसला किया है। उन्होंने दंगा करने वालों को दक्षिणपंथी गुंडे कहा। मंगलवार को ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने कहा कि दंगाइयों कानून को कानून की ताकत का अहसास कराएंगे। एक आपातकालीन बैठक के बाद कहा कि उन्हें उम्मीद है कि दंगा करने के लिए हिरासत में लिए गए लोगों को सप्ताह के अंत से पहले ठोस सजा सुनाई जाएगी। ब्रिटेन के साउथपोर्ट शहर में पिछले महीने एक डांस क्लब में चाकू से हमले में तीन लड़कियों मौत हो गई थी, जबकि 10 लोग घायल हुए थे। अफवाह फैली कि संदिग्ध एक मुस्लिम शरणार्थी था, जिसके बाद लोगों का गुस्सा भड़क उठा था और अप्रवासियों और मस्जिदों पर हमले शुरू हो गए थे। ब्रिटेन में पिछले कई सालों में यह सबसे भयानक दंगा है। सप्ताह भर चले दंगों में करीब 400 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

बड़ी हिंसा की हो रही तैयारी

ब्रिटिश मीडिया आउटलेट द सन ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि इंग्लैंड और उत्तरी आयरलैंड में शुक्रवार से कम से कम 23 जगहों पर दंगे हुए हैं। भीड़ ने ईंटों, बोतलों और आग के बमों से पुलिसकर्मियों पर हमला किया और उन्हें घायल कर दिया। बुधवार को इन दंगों के और भड़कने की आशंका है। पुलिस को खुफिया जानकारी मिली है कि पूरे ब्रिटेन में 39 जगहों पर दंगे की योजना बनाई जा रही है। द सन ने बताया है कि एक ऑनलाइन फोरम पर आग लगाने के बारे में मैनुअल प्रसारित किया गया है।

‘यह विरोध नहीं, हिंसा है’

इन धमकियों के बीच स्टार्मर ने कहा कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पूरे ब्रिटेन में लगभग 6,000 विशेष दंगा नियंत्रण पुलिसकर्मियों को तैनात किया जा रहा है। स्टार्मर ने कहा, वजह जो भी हो, यह विरोध नहीं है। यह शुद्ध हिंसा है और हम मस्जिदों या हमारे मुस्लिम समुदायों पर हमलों को बर्दाश्त नहीं करेंगे। कानून पूरी ताकत से उन लोगों के खिलाफ काम करेगा, जिनकी पहचान इन दंगों में हिस्सा लेने वालों के रूप में की गई है। इसके पहले रविवार को गुस्साई भीड़ ने शरणार्थियों के रहने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले दो होटलों पर हमला किया। खिड़कियों को तोड़ दिया गया और आग लगा दी। पुलिस ने भीड़ को हटाकर उसमें रहने वालों को निकाला। हमलों में घायल दर्जनों पुलिस अधिकारियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। नेशनल पुलिस चीफ काउसिंल ने बताया है कि इस हिंसा में 375 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है। अभी और गिरफ्तारी होने की उम्मीद है।

सेना बुलाने की मांग खारिज

समाचार एजेंसी एपी ने इंस्टिट्यूट फॉर गवर्नमेंट थिंक टैंक की वरिष्ठ शोधकर्ता कैसिया रोलैंड ने बताया कि दंगों के चलते स्टार्मर को चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। अदालतें पहले से ही व्यस्त हैं और जेलों में भीड़ के चलते पहले से ही कैदियों को जल्दी रिहा करने की योजना चल रही है। रोलैंड ने कहा कि हिंसा के परिणामस्वरूप हो रही गिरफ्तारियों की बड़ी संख्या से निपटना सिस्टम के लिए मुश्किल होगा। इस बीच प्रधानमंत्री स्टार्मर ने संकट से निपटने के लिए संसद को फिर से बुलाने या सेना भेजने की अपील को खारिज कर दिया है। उनके कार्यालय ने कहा कि पुलिस अव्यवस्था को संभाल सकती है।

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