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पाकिस्तान के अरशद नदीम ने पेरिस ओलंपिक में जेवलिन थ्रो फाइनल में जगह बनाई, नीरज चोपड़ा से की बातचीत

पाकिस्तान ने पेरिस ओलंपिक में 7 एथलीट भेजे थे। उनमें से एक हैं अरशद नदीम, जो किसी भी टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचने वाले इकलौते एथलीट रहे। उन्होंने जेवलिन थ्रो में सिंगल शॉट में फाइनल का टिकट कटाया। वह अपना थ्रो फिनिश करने के बाद भारत के नीरज चोपड़ा से बात करते नजर आए।

पेरिस ओलंपिक फाइनल में पहुंचे पाकिस्तान के राष्ट्रमंडल खेल चैंपियन भालाफेंक खिलाड़ी को यहां तक पहुंचाने में उनके परिवार ही नहीं बल्कि पूरे गांव ने मदद की। नदीम एशिया के उन दो भालाफेंक खिलाड़ियों में से हैं जिन्होंने 90 मीटर का आंकड़ा पार किया है। दूसरा चीनी ताइपै से है। पाकिस्तान में खेलों में निवेश सिर्फ क्रिकेट में आता है लिहाजा नदीम की उपलब्धि का श्रेय व्यवस्था को कतई नहीं जाता है। आर्थिक मुश्किलों और सुविधाओं की कमी के बावजूद नदीम ने अपने सफर को धार दी।

इस बारे में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के खानेवाल में रहने वाले उनके पिता मुहम्मद अशरफ ने कहा, ‘लोगों को पता ही नहीं है कि अरशद आज इस मुकाम तक कैसे पहुंचा। कैसे गांववालों और रिश्तेदारों ने पैसे जुटाए ताकि वह अभ्यास और मुकाबलों के लिए दूसरे शहरों में जा सके।’ पाकिस्तान ने सात खिलाड़ी पेरिस ओलंपिक भेजे हैं जिनमें से छह फाइनल में नहीं पहुंच सके। पाकिस्तान की इकलौती और सबसे बड़ी पदक उम्मीद नदीम ही हैं।

नदीम के लगातार दूसरे ओलंपिक फाइनल में पहुंचने के बाद उनके घर में जश्न की शुरुआत हो गई। उनके माता पिता, भाई, पत्नी , दोनों बच्चों और गांववालों ने ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाने शुरू कर दिए और मिठाइयां भी बंटी। उनके पिता ने कहा, ‘अगर मेरा बेटा ओलंपिक पदक लाता है तो गांव के लिए और हमारे लिए यह सबसे गर्व का पल होगा।’ पिछले ओलंपिक में भारत के नीरज चोपड़ा ने स्वर्ण जीता और नदीम पांचवें स्थान पर रहे थे।

कुछ महीने पहले नदीम ने जब अधिकारियों से उनके पुराने भाले की जगह अभ्यास के लिए नया भाला देने की अपील की तो नीरज ने भी सोशल मीडिया पर उनका समर्थन किया। वह नीरज चोपड़ा को फॉलो करते हैं। उनके यूट्यूब पर वीडियो देखकर काफी कुछ सीखते हैं। वह कई बार कह भी चुके हैं कि नीरज उनके लिए हीरो से कम नहीं हैं। इस बार भी ओलंपिक में भारत और पाकिस्तान के एथलीटों के बीच जंग होनी तय मानी जा रही है। अब देखने वाली बात यह है कि फाइनल का प्रेशर कौन अधिक झेल पाता है।

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