वायकॉम18 के कुछ हिंदी और क्षेत्रीय चैनल बंद करने की तैयारी, मर्जर के लिए CCI की मंजूरी पाने की कोशिश
रिलायंस की मीडिया कंपनी वायकॉम18 और वॉल्ट डिज्नी के स्टार इंडिया का मर्जर होने जा रहा है। मर्जर के बाद बनने वाली कंपनी देश की सबसे बड़ी मीडिया कंपनी होगी जिसका वैल्यूएशन करीब 70,000 करोड़ रुपये होगा।
रिलायंस इंडस्ट्रीज की मीडिया कंपनी वायकॉम18 अपने हिंदी और क्षेत्रीय भाषाओं के कुछ चैनलों को बंद कर सकती है। सूत्रों के मुताबिक वॉल्ट डिज्नी और रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अपने मर्जर प्रस्ताव के लिए भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग की मंजूरी हासिल करने के लिए स्टार इंडिया और वायकॉम18 के हिंदी और क्षेत्रीय चैनलों को बंद करने की पेशकश की है। दोनों कंपनियां मर्जर के बाद बनने वाली यूनिट में प्रमुख हिंदी जीईसी-स्टार प्लस और कलर्स को बनाए रखने के लिए हिंदी के सामान्य मनोरंजन चैनलों (जीईसी) को बंद कर सकती हैं। इसके अलावा यह कन्नड़, मराठी और बांग्ला भाषा के बाजारों में चैनल बंद करने की योजना बना रही है।
मर्जर के बाद बनने वाली स्टार और वायकॉम18 की यूनिट हिंदी, जीईसी, कन्नड़, बांग्ला और मराठी बाजारों में 40% से अधिक हिस्सेदारी होगी। स्पोर्ट्स ब्रॉडकास्टिंग तो इसका एकाधिकार होगा। उसके पास सभी प्रमुख क्रिकेट और नॉन-क्रिकेट खेलों को ब्रॉडकास्टिंग राइट्स होंगे। अगर किसी भी एंटिटी के पास किसी भी कैटगरी में 40% से अधिक बाजार हिस्सेदारी होती है तो सीसीआई की नजर में यह वर्चस्व माना जाता है। इस मामले में आरआईएल और डिज्नी ने कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। सूत्रों का कहना है कि प्रमुख चैनलों को छोड़कर, अन्य हिंदी GEC बंद हो सकते हैं। क्षेत्रीय बाजारों में उन चैनलों को बंद किया जा सकता है जो संघर्ष कर रहे हैं।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
एक सूत्र ने कहा कि स्टार के पास वायकॉम18 की तुलना में ज्यादा मजबूत क्षेत्रीय चैनल हैं। वायकॉम18 केवल कन्नड़ भाषा के बाजार में मजबूत है। RIL और Disney दोनों अक्टूबर तक मर्जर को पूरा करने की उम्मीद कर रही हैं। दोनों कंपनियों के पास पूरी प्रक्रिया को पूरा करने के लिए फरवरी 2026 तक का समय है। CCI ने इंडस्ट्री पर इस मर्जर के प्रभाव का आकलन करने के लिए अन्य मीडिया और मनोरंजन कंपनियों से संपर्क किया है। सूत्रों के मुताबिक एक ब्रॉडकास्टर ने CCI को सुझाव दिया है कि स्टार-वायकॉम18 को कुछ क्रिकेट एसेट्स को छोड़ने के लिए कहा जाना चाहिए क्योंकि मर्जर के बाद बनने वाली यूनिट बहुत ताकतवर बन जाएगी। उसके पास IPL, ICC, BCCI, प्रीमियर लीग, प्रो कबड्डी लीग और इंडियन सुपर लीग जैसे एसेट्स के राइट्स होंगे।
कानून के एक जानकार ने कहा कि स्टार-वायकॉम18 को क्रिकेट एसेट्स बेचने के लिए कहना व्यावहारिक नहीं होगा क्योंकि इनकी ऑनरशिप बीसीसीआई जैसी खेल संस्थाओं के पास है, न कि ब्रॉडकास्टर्स के पास। मर्जर समझौते के अनुसार, RIL के पास स्टार-वायकॉम18 की जॉइंट यूनिट में 56% कंट्रोलिंग स्टेक होगा, जबकि वॉल्ट डिज्नी के पास 37% हिस्सेदारी होगी। उसके पास 110 से अधिक टीवी चैनल और दो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म, डिज्नी+ हॉटस्टार और जियोसिनेमा होंगे। इस कंपनी में जेम्स मर्डोक और उदय शंकर के निवेश वाली कंपनी बोधि ट्री सिस्टम्स की 7% हिस्सेदारी होगी।
कितना होगा वैल्यूएशन
शंकर इस कंपनी के बोर्ड में वाइस चेयरपर्सन होंगे जबकि RIL के प्रमोटर मुकेश अंबानी की पत्नी नीता अंबानी चेयरपर्सन होंगी। इस मर्जर के लिए रेगुलेटरी मंजूरियां लेनी होंगी। इनमें एनसीएलटी और CCI की मंजूरी शामिल है। स्टार-वायकॉम18 मीडिया सेक्टर की एक दिग्गज कंपनी होगी जिसका वैल्यूएशन ₹70,000 करोड़ से अधिक होगा। इसमें वायकॉम18 और स्टार की वैल्यूएशन क्रमशः लगभग ₹33,000 करोड़ और ₹26,000 करोड़ होगा। इसके अतिरिक्त रिलायंस मर्जर के बाद बनने वाली कंपनी में ₹11,500 करोड़ का निवेश करेगी।