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खेल रत्न पुरस्कार के नामांकन से मनु भाकर का नाम गायब, समिति के फैसले पर उठे सवाल

भारत की शीर्ष निशानेबाज मनु भाकर को खेल रत्न पुरस्कार के लिए नामांकन से बाहर कर दिया गया है. जानें क्यों ?

भारत की स्टार शूटर मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक में दो पदक जीतकर भारतीय खेल के इतिहास में अपना नाम दर्ज करा लिया. सबसे पहले, उन्होंने महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में कांस्य पदक जीता, जिससे वह किसी भी ओलंपिक में पदक जीतने वाली भारत की महिला निशानेबाज बन गईं. इसके बाद भाकर ने मिश्रित 10 मीटर एयर पिस्टल टीम स्पर्धा में साथी सरबजोत सिंह के साथ कांस्य पदक जीता. एक ही ओलंपिक संस्करण में दो पदक जीतकर वह भारत की स्वतंत्रता के बाद ऐसा करने वाली पहली भारतीय बन गईं.

मनु भाकर का खेल रत्न पुरस्कार नामांकन से नाम गायब
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, इतनी उपलब्धियों के बावजूद, खेल रत्न पुरस्कार के लिए उनका नाम नामांकन से गायब है. सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमण की अध्यक्षता वाली 12 सदस्यीय राष्ट्रीय खेल दिवस समिति ने प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए भाकर के नाम की सिफारिश नहीं की.

अधिकारियों का दावा- निशानेबाज ने आवेदन नहीं किया
रिपोर्ट के अनुसार, खेल मंत्रालय के अधिकारियों ने दावा किया है कि निशानेबाज ने पुरस्कार के लिए आवेदन नहीं किया था. हालांकि, इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि उसके माता-पिता ने दावा किया था कि निशानेबाज ने पुरस्कार के लिए आवेदन किया था, लेकिन उन्हें समिति से कोई जवाब नहीं मिला.

भाकर 2020 ओलंपिक में पिस्टल की खराबी के कारण कोई पदक नहीं जीत पाईं. हालांकि, उन्होंने इस साल पेरिस में पोडियम फिनिश हासिल करते हुए शानदार वापसी की. उन्होंने 2022 एशियाई खेलों में महिलाओं की 25 मीटर पिस्टल स्पर्धा में स्वर्ण पदक भी हासिल किया है. पिछले ओलंपिक में अपनी विफलता के लिए जांच के बाद, भाकर ने शानदार प्रदर्शन करके अपने आलोचकों को चुप करा दिया.

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