तिरुमला मंदिर में भगदड़ से कई श्रद्धालुओं की मौत, 40 घायल; वैकुंठ द्वार टिकट के लिए मचा था हड़कंप
तिरुमला स्थित भगवान वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में बुधवार रात भगदड़ मचने से 6 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और अन्य 40 घायल हो गए। वैकुंठ द्वार दर्शनम के लिए टिकट पाने की कोशिश में यह हादसा हुआ। तिरुपति बालाजी मंदिर में 10 जनवरी से 10 दिवसीय वैकुंठ द्वार दर्शन शुरू होने वाले थे, जिसके टिकट को पहले लेने की कोशिश में हादसा हुआ। आइए, विस्तार से जानते हैं तिरुपति बालाजी मंदिर में भगदड़ मचने की पूरी वजह और यहां दर्शन करने के नियम।
आंध्र प्रदेश का तिरुपति बालाजी मंदिर भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर में प्रसिद्ध है। आस्था के इस केंद्र से बुधवार की रात एक बेहद दुखद खबर सामने आई। तिरुपति बालाजी मंदिर में बुधवार की रात 9:30 बजे भगदड़ मचने से एक महिला सहित 6 लोगों की मौत हो गई और 40 लोग घायल हो गए। यह दुर्घटना वैकुंठ द्वार दर्शन के टिकट काउंटर के पास हुई। इस हादसे के बाद मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था और दर्शन के नियमों पर कई सवाल उठ रहे हैं, आइए, जानते हैं आखिर तिरुपति बालाजी मंदिर में भगदड़ मचने का क्या कारण है और मंदिर में दर्शन के क्या है नियम।
तिरुपति बालाजी मंदिर में भगदड़ मचने का कारण
तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ने वैकुंठ एकादशी के उपलक्ष्य में 10 दिनों तक विशेष दर्शन की व्यवस्था की थी। यह दर्शन 10 जनवरी से 19 जनवरी तक वैकुंठ द्वार से होने थे। इसके लिए TTD ने स्पेशल दर्शन टोकन (SSD टोकन) जारी करने की घोषणा की। ये टोकन 9 जनवरी सुबह 5 बजे से तिरुपति और तिरुमाला के काउंटरों पर मिलने थे। सुबह होते ही भक्तों की भारी भीड़ टोकन काउंटरों पर इकट्ठा होने लगी। हर कोई जल्दी टोकन पाना चाहता था, जिससे भीड़ अनियंत्रित हो गई। इसका नतीजा यह हुआ कि 6 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 40 घायल हो गए।
तिरुपति बालाजी मंदिर में दर्शन के नियम
तिरुपति बालाजी मंदिर में दर्शनार्थियों की भारी भीड़ दर्शाती है कि लोगों की आस्था कितनी गहरी है। रोजाना 50 हजार से 1 लाख लोग दर्शन के लिए आते हैं। सामान्य दर्शन में 1 से 3 दिन लग सकते हैं, भीड़ ज्यादा हो तो इसका समय और भी बढ़ जाता है। ऐसे में श्रद्धालुओं की आस्था का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि लोग दर्शन करने के लिए कई घंटों से लेकर कई दिनों तक मंदिर के पास रूककर दर्शन का इंतजार करते हैं।
-भीड़ से बचने के लिए, तिरुपति बालाजी की वेबसाइट से ऑनलाइन बुकिंग करके VVIP दर्शन कर सकते हैं। इससे समय की बचत होती है। तिरुपति बालाजी में VVIP दर्शन के लिए मंदिर की आधिकारिक वेबसाइट पर बुकिंग की व्यवस्था भी की गई है। नाम, फोन नंबर और आधार कार्ड नंबर जैसी जानकारी देकर लॉग इन करके बुकिंग की जा सकती है।
-VVIP दर्शन के लिए 300 रुपये की टिकट ऑनलाइन बुकिंग से मिलती है जबकि सामान्य टिकट 50 रुपए की कीमत में उपलब्ध है। तिरुपति बालाजी जाने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च तक है। इन महीनों में यहां श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। तिरूपति बालाजी मंदिर के दर्शन सुबह 6.30 बजे से शुरु होते हैं जबकि तिरुमला में सुबह 10.30 बजे से दोपहर 12 बजे तक कल्याणोत्सव मनाया जाता है।